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PCR key points,function and application in hindi


PCR key points,function and application


PCR क्या है?


PCR का पूरा नाम है Polymerase Chain Reaction
अगर हमारे पास dna का कोई छोटा sample है तो उसकी कई copies बनाने के लिए हमे जरूरत होती है PCR की इसकी मदद से हम छोटे डीएनए सैंपल की ज्यादा से ज्यादा copies बना सकते हैं।

PCR को समझने के लिए कुछ important बातें

Primer

हम मान लेते है कि हमारे पास human का एक dna strand है और हमे उसमें सिर्फ insulin के gene की जरूरत है तो हम सिर्फ insulin के gene को locate या target करके उसमे amplification करेंगे dna strand जैसा है वो वैसा ही बना रहेगा तो इस process को करने के लिए हमे जिसकी जरूरत होती है उसे कहते हैं primer.

3'                         5'
AGTCAGTCAGTC  (primer)
TCAGTCAGTCAGAGTCAGTCAG (template)
5'                                                  3'   


PCR primer हमे फ्री में 3'-OH group provide कराता है जिसकी मदद से हम आसानी से dna polymerase से उस dna strand का amplification कर सकते हैं।

यहां पर जो dna polymerase है वो normal नही होता है वो एक खास तरह का dna polymerase होता है जिसे हम खास तरह के bacteria से extract करते हैं और उस bacteria का नाम है Thermus aquaticus ये 90℃ तापमान वाले झील में मिलता है।

इस Thermus aquatics से हम जो भी dna polymerase extract करते हैं उसे Taq polymerase कहते हैं।

PCR function के Steps



Step-1 denaturation


PCR के पहले process में ऊपर चित्र द्वारा बताया गया है (1) में जो नीले रंग का dna है उसे 95℃ पर गर्म करके उसी प्रकार अलग किया जाता है जिस प्रकार DNA replication में पहला स्टेप है कि hydrogen bond का टूटना और replication folk का बनना उसी तरह यहां पर  भी पहला process है dna का denaturation होना इससे double stranded dna single strands में अलग अलग हो जाएगा(चित्र 2)

Step-2
Primer Annealing


इस process में temp. को धीरे धीरे कम कर देते हैं फिर primers अपनी अपनी complimentarity के हिसाब से template dna strand में settle हो जाएंगे(चित्र 3)।
इस process को annealation भी कहते हैं।

Step-3
Polymerase extension


Primer Annealing से जो हमे dna strand मिला है इसमे हम Taq polymerase और deoxyribonucleotides add करेंगे जिससे deoxyribonucleotides का use करके Taq polymerase dna strand को extend करेगा और एक पूरा dna strand बना देगा। अब हमें एक नया dsDNA template मिल जाएगा इसी प्रकार हम अपने targeted location के हिसाब से desired DNA प्राप्त कर लेते हैं।

PCR की applications


* PCR का प्रयोग हम मुख्य रूप से DNA fingerprinting में करते हैं तथा forensic science में भी criminal activity का पता लगा सकते हैं।

* Infectious disease का पता लगाने के लिए भी PCR का ही प्रयोग करते हैं PCR की खासियत यह है कि यह किसी भी बीमारी को शुरुआती लछड़ से पहचान सकता है।
बीमारियां जैसे AIDS,T.B को ये आसानी से पकड़ लेता है जब कि ELISA AIDS को इतनी जल्दी नही पकड़ पता है और test को negative बता देता है।

* PCR की मदद से environmental infections का पता लगाया जा सकता है।

* Research के area में भी PCR का प्रयोग होता है।

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